माध्यमिक विद्यालय के छात्रों पर सामाजिक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन
DOI:
10.29121/shodhkosh.v5.i1.2024.2397
Publication Date:
2024-10-21T05:31:08Z
AUTHORS (2)
ABSTRACT
शिक्षा एक सोद्देश्य व सप्रयास की प्रक्रिया है| शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए व्यवस्थित ढंग से योजना बनाकर प्रयास करना होता है| बिना किसी व्यवस्था के शिक्षा प्रक्रिया से वांछित उद्देश्य प्राप्त करना कदापि संभव नहीं हो सकता| शिक्षा प्रक्रिया की सफलता काफी सीमा तक इस बात पर निर्भर करती है कि उस पर किसका नियंत्रण है| नि:संदेह शिक्षा का संबंध व्यक्ति तथा समाज दोनों से होता है| व्यक्ति समाज का एक अंग होता है तथा समाज का निर्माण व्यक्तियों के द्वारा ही संभव होता है| इसलिए शिक्षा की व्यवस्था इस प्रकार से की जानी चाहिए कि उसके द्वारा व्यक्ति तथा समाज दोनों का ही अधिकतम विकास हो सके| दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति की पूर्णता के साथ-साथ समाज का कल्याण करना होना चाहिए| व्यक्तियों तथा समाज की व्यवस्था एवं उन पर नियंत्रण रखने का उत्तरदायित्व राज्य पर होता है |राज्य व्यक्ति एवं समाज के कल्याण के लिए कानून बनता है एवं उनके अनुपालन को सुनिश्चित करता है|
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